राम सेतु मुद्दा को हिन्दुओं के धार्मिक भावना से जोर कर उछालना पूंजीवादी पार्टियों की मजदुर विरोधी पूंजीवादी राजनीती का एक हिस्सा है ताकि मजदुर पूंजीपतियों के खिलाफ रोज रोज चलने वाले संघर्ष में कभी आपस में एकता स्थापित नही कर सके।
रामायण के अनुसार भी राम सेतु राम ने नही बल्कि राम के भाल बन्दर सेना ने बनाई थी ताकि अत्याचारी रावण से युद्ध करने के लिए बानर सेना लंका जा सके। आज उसी राम सेतु को मुद्दा बना कर मजदूरो के कतार को विभाजित करने के लिए हथियार के रूप में इस्तेमाल पूंजीपति वर्ग अपने हित में कर रहा है।
जब तक हिंदू मिहनतकस जनता अपने धार्मिक पूर्वाग्रहों से ऊपर उठ कर अपने हिंदू आकाओं के असली अमानिवियेया क्रूर पूंजीवादी चेहरा पहचान नही लेती, पूंजी और श्रम के बीच होनेवाले निर्णायक लडाई में पूंजी के खिलाफ अपने निर्णायक ऐतिहासिक भूमिका समझ नही लेती तबतक हिंदू मिहनतकस जनता की मुक्ति सम्भव नही है। तभी जा कर लाखो करोरो हिंदू मिहनतकस जनता अपनी गरीबी, बदहाली, भुखमरी, शोषण और दमन को हमेशा के लिए मिटाने के लिए आज के रावण के खिलाफ अपनी ऐतिहासिक भूमिका निभा सके गी।
Sunday, August 31, 2008
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